* शेर शाह सूरी का बचपन का नाम - फरिद खां था |
* इसका जन्म 1472 ई. में बाजवाडा (होशियारपुर )में हुआ था | इसके पिता हसन खा जो जौनपुर के छोटे जमीदार थे |
* शेर खा को अपने माता व पिता से सच्चा स्नेह न मिल सका फरिद खा अपने पीता द्वारा सासाराम , खवास पुर के परगने को प्राप्त किया | जो उसके अधिकार में 1497 ई. से 1518 ई. तक रहा |
* फरिद खा अपने अधिकारों के रक्षा व शक्ति के विस्तार के लिए विहार के शासक मोहम्मद शाह लोहानी के यहाँ नौकरी कर लिया |
* एक बार लोहानी के साथ फरिद भी सिकार खेलने गया था शेर को एक ही तरवार से दिर काट दिया तो लोहानी ने उसके बहादुरी पर प्रसन्न होकर शेर खां की उपाधि दी |
* 1529 ई. को बंगाल के शासक नुसरक्त शाह को पराजीत कर हजरत-ए-आला की उपाध धारण की |
* 1530 ई. को शेर खा ने चुनार के किले दार की विधवा पत्नी लाड मलिका से विवाह कर लेने के बाद उसे चुनार की बहोत संपत्ति मिल गया |
* चौसा का युद्ध एवं 1540 ई में विलग्राम का युद्ध जीतने के बाद शेर खा उसी समय दिल्ली के गाद्दी पर बौठा |
* वहा पाटिल पुत्र का नाम पटना रख कर अपने साम्राज्य की राजधानी बनायीं |
* शेर खां ने भूमि मापन के लिए 32 अंक वाला सिकंदरी गज एवं सन् की डंडी का प्रयोग किया |
note : - भारत में रूपया जारी करने का शेर शाह सूरी को जाता है |
* शेर शाह सुरी के समय पैदावार का लगभग 1/3 भाग लगान के रूप में लिया जाता था |
* शेर शाह सुरी ने G T रोड का निर्माण कराया था ( अमृत सर से कलकत्ता तक )|
* डाक व्यवस्था भी शेर शाह सुरी ने चालु किया था |
* काबूलियत एवम पत्ता ( जमीन ) की शेर शाह सुरी ने ही सुरुआत किया |
* रोहतास गढ़ का किला, किला ए किहना नामक मस्जिद का निर्माण शेर शाह सुरी ने करवाया |
note :- दिल्ली का पुराना किला शेर शाह सुरी ने बनाया था |
* शेर शाह सुरी ने 1700 सरायो का निर्मान कराया था |
* शेर शाह का मकबरा सासाराम ( विहार ) झील के बिच में बनाया गया था |
* शेर शाह सुरी की मृत्यु कालिंजर का किला जितने के क्रम में २२ मई 1545 ई. को हो गया था |मृत्यु के समय शेर शाह सुरी उक्का अग्नियास्त्र चला रहा था , और उसी के विस्फोट से उसकी मृत्यु हो गयी |
* शेर शाह सुरी के शासन काल में कुल 23 तक्साले ( मुद्रा छापने की मशीन ) थी |
* शेर शाह सुरी का कथन " मैंने मुठ्ठी भर बाजरे के दाने के लिए पूरा हिन्दुस्तान खो दिया "|
इसका अगला शासक इसलाम शाह
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