1773 रेग्युलेटिंग एक्ट से लेकर 1853 का चार्टर एक्ट तक ब्रिट्स संसद ने जो नियम जो नियम पारित किए वह भारत के जनता पर शासन के लिए नहीं था | बल्कि कम्पनी पर नियंत्रण अवम निरंक्षण के लिए था | कंपनी अपने अनुसार जनता पर शासन कराती थी | इसी प्रकार ब्रिटिस सरकार 1858 के पहले भारत की जनता पर अप्रतक्ष शासनम था
1773 का रेग्युलेटिंग एक्ट :-
यह कम्पनी पर नियंत्रण कारने का ब्रिट्स संसद का अधिनियम पहला अधिनियम था | इसके द्वारा भारत में सुनिश्चित नियम की नीव पडी बंगाल के लिए गवर्नर जनरेल की नियुक्ति किया गया जिसका नाम वारेन हेस्टिंग था इसकी सहायता के लिए तिन कार्य करणी का गठन किया गया | सारे निर्णय बहुमत से लिए जाते थे | मद्रास अवम बम्बई के प्रेसीडेंसी को बंगाल के अधीन कर दिया गया गवरनर एक एक गवर्नर की सहायता से वहा पर शासन करता था इस एक्ट के द्वारा इंग्लैंड में बोर्ड ऑफ़ डायरेक्टर का गठन किया गया जो कंपनी का देख रेख करता था | इस अधिनियम के तहत 1774 में एक सुप्रिम कोर्ट की स्थापना किया गया यह भारत का अंतिम अपीली न्यायलय नहीं था कलकत्ता इ कुल चार न्यायधीश थे जिनमे मुख्या सर अलीजाह अम्पे था (1. चैम्बर्स 2.लिमेस्टर 3.हाईड )
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