यह कंपनी पर नियंत्रण करने का ब्रिटिस संसद का अंतिम अधिनियम था | इसके द्वारा ब्रिटिस कंपनी भारत में रहने की समय सीमा को समाप्त कर दिया , कहा गया की भारत में कंपनी तभी तक रहेगी जब तक ब्रिटिस संसद चाहेगी | इस एक्ट के द्वारा पुरे भारत के लिए केन्द्रीय विधान मंडल का गठन किया गया तथा गवनर जनरल को केन्द्रीय पालिका के लिए कानूनी तौर पर नियुक्त किया गया | और भरता में सिविल सेवा परीक्षा का आयोजन किया गया | लार्ड मैकाले के सुझाये गए नियमो के अनुसार 1854ई. में सिविल सेवा का स्थावाना किया गया | जबकि पहली परीक्षा 1922 ई. को होआ
यह कंपनी पर नियंत्रण करने का ब्रिटिस संसद का अंतिम अधिनियम था | इसके द्वारा ब्रिटिस कंपनी भारत में रहने की समय सीमा को समाप्त कर दिया , कहा गया की भारत में कंपनी तभी तक रहेगी जब तक ब्रिटिस संसद चाहेगी | इस एक्ट के द्वारा पुरे भारत के लिए केन्द्रीय विधान मंडल का गठन किया गया तथा गवनर जनरल को केन्द्रीय पालिका के लिए कानूनी तौर पर नियुक्त किया गया | और भरता में सिविल सेवा परीक्षा का आयोजन किया गया | लार्ड मैकाले के सुझाये गए नियमो के अनुसार 1854ई. में सिविल सेवा का स्थावाना किया गया | जबकि पहली परीक्षा 1922 ई. को होआ
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