1833ई. का चार्टर एक्ट

 1833ई. का चार्टर एक्ट  



 इस एक्ट  के  द्वरा  कंपनी के ब्यापारिक एवं राजनैतिक अधिकार  को  पुर्णतः  समाप्त   कर दिया गया  और सभी ब्रिटेन निवासी को भरता में ब्यापार करने की  पूर्णतः  छुट  दिया  गया  | अब भरत में बंगाल के गवनर जनरल के पद को समाप्त कर दिया गया  पुरे भारत   के लिये गवर्नर जनरल बनाया गया | बंगाल का अंतिम गवर्नर  जनरल  तथा   भारत  गवनर  जनरल लार्ड विलीयम  बैंटिंग  को   बनाया  जाता  है  |   गवनर की  सहायता   के  लिये  चोथे  सदस्य कीनियुक्ति की जाती है जिसका नाम लार्ड मैकाले था | जिसने भरत के लिए विधि आयोग का विधि सख्या  बनाया इस  एक्ट के 1843ई.   अंतर-गत  दास प्रथा  का   उन्नमूलन  केर  दिया  गया  (लार्ड सरमबरो) था  | और कंपनी को 20 वर्ष तक ब्यापार करने का मौका दिया गया | 

{ अगले भाग में :- 1853ई. का चार्टर एक्ट }

Comments