बड़े घर की बेटी : प्रेमचंद

 

बड़े घर की बेटी : प्रेमचंद



                   प्रेमचंद: बड़े घर की बेटी 

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बेनीमाधव सिंह गौरीपुर गांव के जमींदार और नबंरदार थे। उनके पिता किसी समय बड़े आदमी थे। धन की कोई कमी न थी। गांव का पक्का तालाब और मंदिर उन्होंने बनवाया था। कहते हैं, इस दरवाजे पर हाथी झूमता था, अब उसकी जगह एक बूढ़ी भैंस थी, जिसके शरीर में अस्थि-पंजर के सिवा और कुछ न रहा था; पर दूध शायद बहुत देती थी; इसलिए एक-न-एक आदमी हांडी लिए उसके सिर पर सवार रहता था।


बेनीमाधव सिंह अपनी आधी से अधिक संपत्ति वकीलों को भेंट कर चुके थे। उनकी वर्तमान आय एक हजार रुपये सालाना से अधिक न थी ।


ठाकुर साहब के दो बेटे थे। बड़े का नाम श्रीकंठ सिंह था । उसने बहुत दिनों के परिश्रम के बाद बी.ए. की डिग्री हासिल की थी। अब एक दफ्तर में नौकर था।