रफी उद दौला:- ( 6 जून, 17सितम्बर 1719ई.)
* रफी उद दरजात के मृत्यु के बाद सैयद बन्धु ने रफी उद दौला को सिंघासन पर बैठा दिया । सिंघासन पर बैठने के बाद उसने शाह जहा शानी द्वातीय की उपाधि धारण कर लिया था।
* रफी उद दौला की मृत्यु पेचिस होने के कारण हो गई थी।
मुहम्मद शाह :- (1719 ई. से 1748 ई. )
* मुहम्मद शाह को रोशन अख्तर, रंगीला बादशाह कहा जाता है ।
* रफी उद दौला की मृत्यु के बाद सैयद बंधुओ ने मुहम्मद शाह को मुगल बादशाह की गद्दी पर बैठाया । मुहम्मद शाह एक अयोग्य शासक था वह अपनी अधिक समय पशुओं की लड़ाई देखने तथा वैश्या , मदिरा के बीच गुजारा करता था। इसी लिए उसे रंगीला बादशाह भी कहा जाता है।
* फारस के शासक नादिर शाह ने 1739ई. में मुहम्मद के समय दिल्ली पर आक्रमण कर शाह जहा द्वारा बनवाया गया मयूर सिंघासन को यहा से उठा कर ले गया।
Note: नादिर शाह को फारस का नेपोलियन कहा जाता है।
* जजिया कर को अंतिम रूप से खत्म करने वाला मुहम्मद शाह ही है ।
* मुहम्मद शाह के दरबार में सैयद बंधु के बढ़ते प्रभाव के कारण रोष उत्पन्न होने लगा तथा उन्हें समाप्त करने का षणायंत्र भी किया गया । 8 अगस्त, 1720 ई. को हैदर बेग ने छुड़ा घोप कर हुसैन अली की हत्या कर दिया (सैयद बंधु हुसैन अली व अब्दुल खा) अब्दुल खा अपने भाई की हत्या का बदला लेने के लिए अब्दुल खा ने विशाल सेना लेकर मुहम्मद शाह के ऊपर चढ़ाई कर दिया ।
* 13 नवंबर, 1720 ई. को अब्दुल खा युद्ध करते हुए हार गया और उसे मुहम्मद शाह ने बंदी बना लिया तथा विष देकर मार दिया जाता है।
* इस प्रकार मुहम्मद शाह के शासन काल में सैयद बंधु (हुसैन अली व अब्दुल खा शासक निर्माता)पूरी तरह से अन्त हो गया।
Note:- नादिर शाह लगभग 70 करोड़ की धनराशि, शाह जहा द्वारा बनवाया गया मयूर सिंघासन तथा कोहिनूर हीरा फारस में ले गया।
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