आधुनिक भारत का इतिहास
उत्तर कालीन मुग़ल शासक (1707ई. - 1857 ई. तक )
वह मुग़ल साम्राज्य जो अपनी विस्तार , सैनिक शांत वैभव तथा सांस्कृतिक उपलब्धिया के लिए प्रसिद्द था | औरंगजेब की मृत्यु के साथ छिन्न भिन्न हो गयी |
लगभग 150 वर्ष की अवधि में एक के बाद एक मुग़ल बादशाह सिंघासन पर बैठे लेकिन उनमें कोई ऐसा प्रभाव शाली शासक नहीं था , जो अपने पर्वतीय के विराशत को संभाल सके |
*20 फरवरी 1707ई. में मुग़ल साम्राज्य में सुबो की संख्या 21 थी ,जिसमें 14 उत्तर भारत की 6 दक्षिण भारत के व एक 1 अफागानिस्तान में
*औरंगजेब अपनी अनतिम जीवन के समय में अपने बेटो के बिच संभाविक उत्तराधिकार से आशंकित था , इसी लिए एक वसीयत के द्वारा उसने अपने राज्यों का बटवारा कर दिया
*मुअज्जब को - 12 सुबो की जिम्मेवारी |
*मुहम्मद आजम को - 4 सुबो की जिम्मेवारी |
*काम बख्स को -विजापुर व हैदराबाद का जिम्मेवारी दिया |
शासक -- 1
बहादूर शाह प्रथम - ( 1707ई. - 12 ई. तक )
* औरंग जेब की मृत्यु के बाद उसका 63 वर्षीय पुत्र मुअज्जब ने लाहौर के उत्तर में स्थीत शाह दौला नमक पूल पर मई 1707ई. में बहादूर शाह प्रथम के नाम से अपने को सम्राट घोषित किया |
* बहादूर शाह प्रथम गद्दी पर बैठने वाला समृद्ध मुगल बादशाह था |
* वह अत्यंत आलसी , उदार व ,उदासीन व्यक्ति था |
* बहादूर शाह प्रथम राजकीय कार्यो में इतना ज्यादा लापरवाह था , की लोग उसे साहेब बेखर कहते थे |
26 फरवरी 1712 ई. को इसकि म्रित्यु हो गयी |
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