* हुमायूं का पूरा नाम नासुरुद्दीन मुहम्मद हुमायूं था ।
*हुमायूं का जन्म बाबर की पत्नी माहम अनगा के गर्भ से 6 मार्च, 1508ई.को काबुल में हुआ था।
* बाबर के चार पुत्र थे जो निंमलिखित है
1) हुमायूं
2) कामरान
3) असकरी
4) हिंदाल
* बाबर ने अपना उत्तरा अधिकारी हुमायूं को बनाया ।
* हुमायूं का राज्याभिषेक 29 दिसंबर , 1530 ई. को आगरा में 23 वर्ष की आयु में किया गया ।
* बाबर द्वारा हुमायूं को दिया गया निर्देश की वह अपने छोटे भाईयो के साथ उदारता का व्यवहार रखे ।
* हुमायूं ने काबुल, कंधार , एवम पंजाब की सूबेदारी का जिम्मा कामरान को दिया ।
* अस्करी को संभल का सूबेदारी ।
* हिंडाल को अलवर की सूबेदारी दिया ।
* साम्राज्य का विभाजन हुमायूं की सबसे बड़ी भूल थी । वास्तव मे अविवेक पूर्व ढंग से किया गया साम्राज्य का विभाजन कालांतर में हुमायूं के लिए घातक सिद्ध होता है।
* 1533ई. में हुमायू ने दिन पनाह नामक महल का निर्माण कराया और उसी में शेर-ए-मण्डल के नाम से एक पुस्तकालय खुलवाया ।
* चौसा का युद्ध :- 25 जून, 1539ई.
* शेर खा व हुमायूं के बीच चौसा का युद्ध हुआ इस युद्ध में शेर खा विजय हुआ । इसी युद्ध के बाद शेर खा ने शेर शाह की उपाधि धारण कर लिया।
*विलग्राम का युद्ध :- 17मई, 1540ई.
* इस युद्ध में शेर खा एवम हुमायूं के बीच लड़ा गया युद्ध इस युद्ध में हुमायूं की पराजय पराजय हुई। और आसानी से शेर शाह आगरा पर अधिकार कर लिया।
* विल ग्राम के युद्ध के बाद हुमायूं सिंध चला गया , उसने वहा पर घुम्मकडू जैसा जीवन व्यतीत करने लगा । हुमायूं ने वहा पर मीर बाबा दोस्त उर्फ मीर उल अकबर जामी की पुत्री हमीदा बानो से 29 अगस्त , 1541ई. को निकाह कर लिया कालांतर में हमीदा बानो के गर्भ से अकबर जैसे महान सम्राट का जन्म हुआ ।
सरहिंद का युद्ध :- 22 जून , 1555 ई.
* इस युद्ध में अफगान सेना का नेतृत्व सुलतान सिकंदर व मुगल सेना का नेतृत्व बैरम खा ने किया था। अफगानों की पराजय हुई।
* 23 जुलाई , 1555 ई. के सुभ क्षणों में एक बार पुनः दिल्ली की गद्दी पर हुमायूं बैठा । किंतु उसका दुर्भाग्य था , वह अधिक समय तक सत्ता नही भोग सका , जनवरी 1556 ई. में दिन- पनाह भवन में स्थित शेर-ए-मण्डल पुस्तकालय के सीढ़ियों से गिरने से उसकी मृत्यु हो गई ।
* हुमायूं अफीम खाने का शौकीन था।
* हुमायूं ज्योतिष में विश्वास रखता था इसी लिए वह सप्ताह के सात दिन सात रंग के वस्त्र को पहनता था।
रविवार को पिला , शनिवार को काला , सोमवार को सफेद वस्त्र धारण करता था।
Note:- * वह कौन मुगल शासक था जो दो बार गद्दी पर बैठा - हुमायूं
* हुमायूं की सौतेली बहन गुल बदन बेगम जिसकी पुस्तक - हुमायुनामा । जिसमे उसके भाई व पिता के बारे में जानकारी प्राप्त होती है।