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ChatGPT Alternatives for Every Need: Marketing Tools, Writing, and Coding

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मुग़ल शासकों की सूची

मुग़ल वंश का संस्थापक - बाबर है |



*1526 ई. में पानी पथ प्रथम युद्ध में दिल्ली संत्लत के अंतिम वंश लोदी वंश के इब्राहिम लोदी को पराजित कर मुग़ल वंश की स्थापना किया |

* मुग़ल वंश का प्रथम शासक - जहीरुद्दीन मुहम्मद बाबर (1526 ई. से 1530 ई. तक )

*14 फवरी ,1483 ई. फरगाना (अफगानिस्तान ) में जहीरुद्दीन मुहम्मद बाबर का जन्म हूआ |

* बाबर अपने पिता की तरफ से पाचवां वंशज व माता की तरफ से चौदहवाँ वंशज था |

* पिता का नाम - उमरशेख मिर्जा तथा माता का नाम - कुतुल निगार खानम थी |

* बाबर तुर्की वंश का चंगाताई वंश के अंतर गत आता था |

* बाबर अपने पीता उमरशेख मिर्जा की मृत्यु के बाद 11  वर्ष की आयु में 1494 ई. में एक छोटी सी रियासत फरगना का  शासक बना |

* बाबर ने अपना राज्भिशेख अपने  दादी एसाद दौलत बेगम के सहयोग से करवाया था |

* बाबर ने फरागाने के शासन काल में 1501 ई. में अमर कंध पर शासन कर लिया जो मात्र आठ माह उसके कब्जे में रहा था 

* 1504 ई. में बाबर ने कबूल पर अधिकार कर लिया , 1507 ई. मे अपने पूर्वजो द्वारा धारण की गयी उपाधि को त्याग कर एक नयी उपाधि को धरान किया |

बाबर की भारत पर विजय 

* बाबर भारत के विरुद्ध किया गया पहला अभियान 1519 ई. में युसूफ जाई जाती के विरुद्ध था | इस अभियान में बाबर ने बाजौर एवं भेरो किले पर अधिकार कर लिया |

* 1520 ई. में बाबर अपने तीसरे आभियान में बाबर ने बाजौर एवं भेरो को दुबारा जीता साथ ही स्थल कोटा एवं सैयद पुर को अपने अधिकार में कर लिया |

* 1524 ई. में चौथे अभियान के अंतर गत इब्राहिम लोदी व दौलत खा के मध्य मतभेद हो जाने के कारन दौलत खा ने अपने पुत्र दीलावर खा व आलम खा को बाबर को भारत पर आक्रमण हेतु आमंत्रित किया , संभवतः  इसी समय राणा सांगा ने भी बाबर को भारत पर आक्रमणं हेतु आमंत्रण किया |

note :- बाबर ने अपने चौथे अभियान के आन्तर गत लाहौर , दीपल पूर को अपने अधिकार में कर लिया |

* पानी पथ का प्रथम युद्ध :- (21 अप्रैल ,1526 ई. )

बाबर का यह पाचवा युद्ध पानी  पथ में हूआ था , जिसमे बाबर तोप का पहली बार प्रयोग किया था व विजयी भी हूआ था |

यह युद्ध बाबर व इब्राहिम  लोदी के मद्धि में हूआ था |

इसके दो प्रमुख तोपची थे जिनका नाम - मुस्तफा व ......... | उष्मीनी विधि से तोपों को सजाया था |

* पानी पथ में बाबर ने तुलगमा  युद्ध निति का प्रयोग किया था |

* भारत विजय के उपलक्ष में बाबर ने सैनिको , जनता , व नौकरों को एक एक चाँदी के सिक्के बतावाया था | 

*  इसके उदारता के कारण इसे कलंदर भी कहा जाता है |

* बाबर को उपवनो का राजकुमार भी कहा  जाता है |

खानवा का युद्ध :- ( 17 मार्च , `1527 ई. )

* यह युद्ध बाबर व मेवाड़ के के शासक राना सांगा के मद्धि में हुआ था , जिसमे बाबर विजयी हुआ और राणा सांगा की पराजय हुयीं |

* खानवा के युद्ध के बाद बाबर ने सांगा के खिलाफ जिहाद का नारा दिया जिहाद का अर्थ है - इस्लाम खतरे में है |

* खानवा की जीत के बाद बाबर ने गाजी की उपाधि धारण की |

* बाबर अपने सैनिको का उत्साह बढ़ने के लिए सराब पीने व बेचने पर प्रतिबन्ध लगा दिया सराब के सभी पत्रों को तुड़वा कर सराब न पीने कसम ली |

चंदेरी का युद्ध :- (  29 जनवरी , 1528 ई. )

* चंदेरी के शासक मेदनी राय एवं बाबर के मध्य हुआ जिसमे बाबर की जीत हुयी व राय साब की हार हुयी |

घाघरा का युद्ध :- ( 6 मई , 1529 ई. )

 * यह युद्ध अफाग्गानो व बाबर के मध्य  हुआ था इसमें अफगानों की हार हुयी थी और बाबर की विजय हुयी |

* लगभग 48 वर्ष की अवस्था में 26 दिसम्बर , 1530 ई. को बाबर की मृत्यु आगरा में हो गयी |

* प्रथम बार बाबर को आगरा के अराम बाग़ में दफनाया गया था , उसके बाद उसके द्वारा चुने गए स्थान काबुल में उसे दफनाया गया था |

* बाबर की मात्री भाषा तुर्की थी , लेकिन वह अरवी , फारसी भाषा का अच्छा विद्वान था |

* बाबर ने अपनी आत्मकथा बाबर नामा तुर्की भाषा में लिखी गयी थी , बाद में फारसी भाषा में अब्दुल रहीम खानखाना  तुजुक ए बाब्बरी में किया |

note:- चार बाग़ बनाने की परंपरा अकबर के समय में हुयी थी |

# बाबर का उत्तराधिकारी  हुमायूँ -