लोदी वंश (1451 ई. से 1489 ई.तक )



बहलोल लोदी : 1451 ई. से 1489 ई. तक ( लोदी वंश का पहला शासक )

* बहलोल लोदी दिल्ली में प्रथम अफगान राज का संस्थापक था , वह अफगानिस्तान में गिल्जाई कबीले के महत्वपूरण शाखा साहू में पैदा हुआ था |

* 19 अप्रैल ,1451 ई. को बहलोल , बहलोल शाह गाजी की उपाधि से दिल्ली के सिंघासन पर बैठा क्युकी वह लोदी कबिले का अग्रामी था इसके द्वारा स्थापित वंश - लिदी वंश 

* बहलोल की महत्त्व पूरण सफलता जौनपुर राज को दिल्ली में मिलाना था |

सिकंदर लोदी 1489 ई. से 1517 ई. तक ( दूसरा शासक )

*बहलोल लोदी का उत्तराधिकारी उसका पुत्र निजाम खा 17 जुलाई , 1489 ई. को सुलतान सिकंदर की उपाधि से दिल्ली के गद्दी पर बैठा |

* सिकंदर लोदी सिंघाशन पर बैठते ही अपने विरोधीयो में अपने चाचा आलम खां , आजम हुमायूं को पराजीत किया |

* सिकंदर लोदी 1514 ई. को आगरा शहर कि स्थापना करवाया आगे चल कर आगरा को अपनी राजधानी बनवाया |

* भूमि को मापने के लिए एक पैमाना भी जारी किया था जिसका नाम - गजे सिकंदरी  जिसकी लम्बाई 3 cm थी |

* गले की बीमारी के कारन इसकी मृत्यु  21 नवम्बर , 1517 ई. को हो गयी |

इब्राहिम लोदी 1517 ई. से 1526 ई. तक (शासक 3)

* सिकंदर लोदी के मरने के बाद अमीरों ने आम सहमति से उसकी पुत्र इब्राहिम लोदी को 21 नवम्बर ,1517 ई. को दिल्ली की गद्दी पर बैठा दिया गया |

* इब्राहिम लोदी राज्य का विभाजन करके अपने भाई जलाल खा को  जौनपुर का शासक नियुक्त  किया परन्तु बाद में जौनपुर को अपने राज में मिला लिया |

* इब्राहिम लोदी ने फार्मुली एवं लोदी जाती का दमन पूर्ण प्रयास किया जिसमें शक्तिशाली सरदार असंतुष्ट हो गए  असंतुष्ट सरदारो ने पंजाब का शसक दोलत खा लोदी को बना दिया |

* 21 अप्रैल ,1526 ई. को पानीपत के मैदान में इब्राहि एवं बाबर के मध्य युद्ध हुआ कड़ी संघर्षो के बाद इब्राहिम लोदी की पराजय हूई |

note :- दिल्ली सन्तलत का ऐसा शासक जो युद्ध के मैदान में मारा गया |

* इब्राहिम लोदी की दुर्बलता उसकी हठी स्वभाव था|

* इब्राहिम लोदी  के मृत्यु के बाद दिल्ली संतलत का अंत हो गया |

* बाबर ने एक नविन वंश की स्थापना किया मुगल वंश |


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