सैयद वंश 1414 ई.से 1451 ई. तक शासन किए
* खिज्र खा ने दौलत खा को पराजीत कर दिल्ली के राजगद्दी पर अधिकार कर लिया , उसने सुल्तान की उपाधि न धारण करके रैयत ए आला की उपाधि धारण की।
*तैमूर लंग जिस समय भारत से वापस जा रहा था । उसने खिज्र खां को लाहौर एवम दीवाल पूर का शासक नियुक्त किया तैमूर लंग खिज्र खां का सेना पति था । खिज्र खां नियमित रूप से तैमूर लंग के पुत्र शाहरुख को कर भेजा करता था।
* इतिहास कार फरिस्ता के अनुसार खिज्र खां न्यायप्रिय एवं उदार शासक था। 20 मई 1421 ई. को खिज्र खां की मृत्यु हो गई।
शासक:- 2
मुबारक शाह :- (1421ई. से 1434ई.तक)
* खिज्र खां अपने पुत्र मुबारक शाह को अपना उत्तरा धिकारी बनाया उसने शाह की उपाधि धारण कर अपने नाम के सिक्के को जारी किया ।
* मुबारक शाह अपने पिता की तरह विद्रोह का दमन कर और राजस्व कर के लिए सैनिक यात्राएं करनी पड़ी ।
* यहिया बिन अहमद को मुबारक शाह का संरक्षण प्राप्त था । इसने तारीख-ए-मबारक पुस्तक की रचना की जिसमे सैयद वंश की जानकारी प्राप्त होती या मिलती है।
मुबारक शाह यमुना नदी के किनारे मुबारकबाद नामक नगर बसाया।
* मुबारक शाह की मृत्यु 1434 ई. में हो गई। जो मुबारक के वजीर सरबर उल मुल्क ने पोषण द्वारा 19 फरवरी 1434 ई. को उसकी हत्या कर दी।
शासक:- 3
मुहम्मद शाह:- (1434 ई से 1445ई तक )
* मुबारक शाह के बाद दिल्ली की गद्दी पर मुहम्मद बिन फरीद बिन खा , मुहम्मद शाह के नाम से दिल्ली की गद्दी पर बैठा ।
* उसके शासन काल के 6 महीने बाद सरवर उल मुल्क अधिपत्य से बीते परंतु 6 माह के उपरांत सुल्तान ने अपने नायब सेना पति के सहयोग से वजीर का वध करवा दिया।
शासक:- 4
अलाउद्दीन आलम शाह :- (1445 ई. से 1451 ई.तक)
* मुहम्मद शाह की मृत्यु के बाद उसका पुत्र आलाउद्दीन आलम शाह की उपाधि धारण कर सिंघासन पर बैठा आलम शाह आराम प्रसन्न एवम विलासी प्रवित्ती का था
* इसकी मृत्यु 1476 ई. को हो गई ।
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