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प्रथम अनुसूची :-
इसमे संघ के घटक राज्यो (29 राज्य) एवं संघ शासित क्षेत्रो का उल्लेख है |
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द्वतीय अनुसूची :- इसमे भारतीय राज्य-व्यवस्था
के विभिन्न पदाधिकारियों को वेतन ,भत्ते और पेंशन आदि
का उल्लेख है |
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तृतीय अनुसूची :- इसमे विभिन्न पदाधिकारियों
का पद-ग्रहण के समय ली जाने वाली सपथ का उल्लेख है |
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चौथी अनुसूची :- इसमे राज्यों तथा संघीय क्षेत्रो की राज्यसभा
में प्रतिनिधित्व का विवरण दिया गया है |
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पाँचवी अनुसूची :- इसमे विभिन्न अनूसूचित
क्षेत्रो और अनुसूचित जनजाति के प्रशासन और नियंत्रण के बारे में उल्लेख है |
· छठी अनुसूची :- इसमे असम , मेघालय , त्रिपुरा और मिजोरम राज्यों के जनजाति के प्रशासन के बारे में प्रावधान है |
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सातवी अनुसूची :- इसमे केंद्र एवम
राज्यों के बिच शक्तियों का बटवारा | इसके अंतर्गत तीन अनुसूची है -
a.
संघ
सूचि :- इस सूचि में दिए गए विषय पर केद्र सरकार कानून बनती
है | संविधान लागु होने के समय इसमे 97 विषय
थे [ वर्तमान में (2021ई.)
100 विषय है ]
b.
राज्य सूचि :-
इस सूचि में दिए गए विषय पर राज्य सरकार क़ानून बनती है | राष्ट्री
हीत से संबंधित होने पर केंद्र सरकार बनती है संविधान लागू होने के समय 66 विषय थे |[ वर्ताम्मान में 61 विषय है (2021ई.)
c.
समवर्ती सूचि :- इस सूचि में दिए गए विषय पर केंद्र व राज्य दोनों सरकारे कानून बना सकती
है | परंतू क़ानून के विषय
सामान होने पर केंद्र सरकार द्वारा बनाया गया क़ानून ही मान्य होता है | राज्य सरकार द्वारा बनाया गया क़ानून केंद्र सरकार के क़ानून बनाने के साथ
समाप्त हो जाता है संविधान लागू होने समय समवर्ती सूचि में 47 विषय थे | [ वर्तमान
में 2021ई. ५२]
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आठवी अनुसूची :- इसमे भारत के(22)
भाषाओं का उल्लेख है
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नोवी अनुसूची :- संविधान में यह अनुसूची प्रथम संशोधन अधिनियम ,1951ई. के द्वारा जोड़ा गया है |इसके अंतर्गत राज्य
द्वारा संपत्ति के अधिग्रहण के विधियों का उल्लेख किया गया है
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दसवी अनुसूची :- यह अनुसूची 1985ई. के
द्वारा जोड़ा गया है
इसमी दल बदल क़ानून का उल्लेख है |
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इग्यारहवी अनुसूची :-
यह अनुसूची संविधान में 73वें संविधानिक संशोधन 1993ई. जोड़ा
गया पंचायती राज व्यवस्था संस्थाओं को 29 विषय
प्रदान किये गए है |
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बारहवी अनुसूची :- 74 वाँ
संविधान संशोधन के बाद जोड़ा गया इसमे नगरी राज संस्थाओ को 18 विषय दिया गया है |
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